धनतेरस 2024 का पर्व दीपावली से पहले मनाया जाने वाला एक अत्यंत शुभ और पवित्र त्योहार है, जो धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की देवी लक्ष्मी एवं धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। यह दिन व्यापारी वर्ग के लिए खास होता है, क्योंकि इसे नए व्यवसाय या व्यापार की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस 2024 में 7 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए जानें इस साल की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त से जुड़ी खास बातें:

विषयसूची
धनतेरस का महत्व
धनतेरस का महत्व कई स्तरों पर है, और यह पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। यहाँ धनतेरस 2024 के कुछ प्रमुख महत्व का उल्लेख किया गया है:
1. धन और समृद्धि का पर्व:

धनतेरस 2024 का मुख्य उद्देश्य धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का स्वागत करना है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण, और अन्य धातु की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, जिससे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
2. कुबेर की पूजा:
धनतेरस 2024 के दिन धन के देवता कुबेर की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन कुबेर की पूजा करने से आर्थिक समृद्धि और धन की बरकत होती है। व्यवसायी वर्ग के लोग इस दिन अपने नए व्यापार की शुरुआत करते हैं।
3. स्वास्थ्य का प्रतीक:

धनतेरस 2024 पर भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है, जो आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। उनका प्रकट होना स्वास्थ्य और आयुर्वेद की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसलिए इस दिन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
4. दीपावली की शुरुआत:
धनतेरस दीपावली के पर्व की शुरुआत करता है। यह त्योहार रात्रि को दीप जलाने और लक्ष्मी पूजन के साथ मनाया जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
5. गृह कल्याण:
इस दिन घर की सफाई, सजावट, और लक्ष्मी माता का स्वागत करना होता है। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। लोग इस दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाते हैं, जिससे लक्ष्मी माता का स्वागत किया जा सके।

6. आर्थिक लक्ष्यों की सिद्धि:
धनतेरस 2024 पर पूजा करने से व्यक्ति के आर्थिक लक्ष्यों की सिद्धि की संभावना बढ़ती है। यह दिन नए आर्थिक लक्ष्यों को निर्धारित करने और उन्हें पाने के लिए प्रेरित करने का अवसर भी प्रदान करता है।
इस प्रकार, धनतेरस न केवल धन और समृद्धि का पर्व है, बल्कि यह स्वास्थ्य, परिवार, और सामाजिक खुशियों का भी प्रतीक है। इस दिन की पूजा से व्यक्ति को आंतरिक और बाह्य समृद्धि प्राप्त होती है।
पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धिकरण: पूजा से पहले घर और पूजा स्थल की सफाई करें और स्वयं शुद्ध होकर स्नान करें।
- लक्ष्मी-गणेश स्थापना: पूजा स्थल पर लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियां स्थापित करें। लक्ष्मी माता के साथ कुबेर जी की भी मूर्ति या चित्र रखा जा सकता है।
- दीप प्रज्वलन: दीप जलाएं और भगवान को चावल, हल्दी, कुमकुम, पुष्प, दीपक, मिठाई आदि अर्पित करें।
- धन की पूजा: घर में मौजूद धन, आभूषण या नया खरीदा गया कोई धातु (सोना, चांदी, आदि) रखकर उसकी पूजा करें।
- धन कुबेर मंत्र: कुबेर देवता की विशेष पूजा करें और कुबेर मंत्र का जाप करें – “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।”
- आरती: पूजा के अंत में लक्ष्मी माता और गणेश जी की आरती करें और धन की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
शुभ मुहूर्त:
धनतेरस 2024 के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 6:10 बजे से रात 8:30 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:50 बजे से रात 8:30 बजे तक
- वृषभ काल: शाम 6:10 बजे से रात 8:10 बजे तक
धनतेरस पर खासकर प्रदोष काल और वृषभ काल में पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इन समयों में लक्ष्मी पूजन से घर में स्थायी समृद्धि आती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

विशेष उपाय:
- इस दिन चांदी, सोना, पीतल, तांबा या अन्य धातुओं से बनी वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन नए बर्तन, आभूषण या संपत्ति खरीदना भी लाभकारी होता है।
- शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाएं ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत किया जा सके।
धनतेरस का यह पर्व आपके जीवन में धन, सुख और समृद्धि लाए, यही शुभकामनाएं!
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